वेदान्त का अनुबन्ध चतुष्टय

!! वेदान्त-बोध !! प्रबोधक : अनन्तश्री स्वामी अखण्डानन्द सरस्वतीजी महाराज प्रथम खण्ड – अधिकारी निरूपण अध्याय 1 -> मनुष्य-जीवनमें मुमुक्षा दुर्लभ है अध्याय 2 -> मुमुक्षा को पूर्तिका उपाय – ब्रह्मविचार अध्याय 3 -> ब्रह्म विचार की सामग्री अध्याय 4 -> वेदान्त का अनुबन्ध चतुष्टय किसी भी ग्रन्थका तात्पर्य समझने के लिए उसके अनुबन्ध-चतुष्टयको जानना परम आवश्यक … Read more

ब्रह्म विचार की सामग्री

!! वेदान्त-बोध !! प्रबोधक : अनन्तश्री स्वामी अखण्डानन्द सरस्वतीजी महाराज प्रथम खण्ड – अधिकारी निरूपण अध्याय 1 -> मनुष्य-जीवनमें मुमुक्षा दुर्लभ है अध्याय 2 -> मुमुक्षा को पूर्तिका उपाय – ब्रह्मविचार अध्याय 3 -> ब्रह्म विचार की सामग्री ( साधन-चतुष्टय एवं चित्तशुद्धि ) मानव शरीरमें मुमुक्षा होना दुर्लभ है। परन्तु उससे भी दुर्लभ है मुमुक्षाका … Read more

मुमुक्षा की पूर्ति का उपाय – ब्रह्मविचार

!! वेदान्त-बोध !! प्रबोधक : अनन्तश्री स्वामी अखण्डानन्द सरस्वतीजी महाराज प्रथम खण्ड – अधिकारी निरूपण अध्याय 1 -> मनुष्य-जीवनमें मुमुक्षा दुर्लभ है अध्याय 2 -> मुमुक्षाको पूर्तिका उपाय – ब्रह्मविचार १ . मुमुक्षाका उदय २. मुमुक्षुकी पूतिके विविध उपाय ३, ब्रह्मविचारसे ही मोक्ष १. मुमुक्षा का उदय मनुष्य-जन्म जो बड़ा दुर्लभ था आपको मिल गया … Read more

मनुष्य जीवन में मुमुक्षा दुर्लभ है

!! वेदान्त-बोध !! प्रबोधक : अनन्तश्री स्वामी अखण्डानन्द सरस्वतीजी महाराज प्रथम खण्ड – अधिकारी निरूपण अध्याय 1 -> मनुष्य-जीवनमें मुमुक्षा दुर्लभ है १. मनुष्यत्व दुर्लभ है २. मुमुक्षुत्व दुर्लभ है ३. महापुरुषसंश्रय दुर्लभ है अध्याय 2 -> मुमुक्षाको पूर्तिका उपाय – ब्रह्मविचार भगवान् श्री शंकराचार्यजी महाराज ने तीन चीजों को दुर्लभ बताया है : मनुष्यत्व, … Read more